बलात्कार प्रकरण में पुलिस कर्मचारी कुंदनसिंग बावरे,प्रांजल झिलपे नामजद ? पत्रकार परिषद में पुलिस प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप !
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चंद्रपुर: रामनगर पुलिस स्टेशन चंद्रपुर यहां पर दर्ज एफआईआर क्रमांक 375/2024 में स्थानिक अपराध शाखा, चंद्रपुर के पुलिस कर्मचारी संजय आतकुलवार पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 450, 376 (2) (अ)(1), 376,506 के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ है. जिसके बाद आरोपी संजय आतकुलवार को पुलिस हिरासत में ले लिया गया था. अब आरोपी संजय आतकुलवार न्यायिक हिरासत में है.
बलात्कार के प्रकरण में पुलिसकर्मी कुंदनसिंग बावरे तथा प्रांजल झिलपे ने आरोपी संजय आतकुलवार का हमेशा से साथ दिया है. कुंदनसिंग बावरे तथा प्रांजल झीलपे पूरी तरह से बलात्कार के प्रकरण में शामिल थे.
ऐसी लेखी शिकायत पीड़िता ने दिनांक 5/4/2024 रोज जिला पुलिस अधीक्षक से की है.
दिनांक 3/4/2024 रोज़ एफआईआर होने के बाद पुलिसकर्मी कुंदन सिंह बावरे और प्रांजल झिलपे यह दोनों रात के 11:00 से 12:00 बजे के दरमियान पीड़िता के घर पर पहुंच गए और कहने लगे की “तू अपनी शिकायत वापस ले, वरना तू और तेरा परिवार रातों-रात कहां गायब हो जाएगा तुझे पता भी नहीं चलेगा और तेरे पति को उम्र कैद की सज़ा कैसी नहीं होती यह हम भी देखते हैं और जो-जो व्यक्ति तेरा साथ दे रहे हैं उन सभी को हम देख लेंगे ऐसी धमकी देने लगे”
पीड़िता ने एफआईआर दर्ज होने के पहले मीडिया के सामने आरोपी संजय आतकुलवार, कुंदनसिंग बावरे तथा प्रांजल झिलपे का नाम लिया था.
एफआईआर लिखते समय भी पीड़िता ने संजय आतकुलवार, कुंदनसिंग बावरे तथा प्रांजल झिलपे यह तीनों का नाम लिया था ऐसा पीड़िता का कहना है.
परंतु पुलिस अधिकारी द्वारा एफआईआर में केवल संजय आतकुलवार का नाम ही दर्ज किया गया है.
पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि जब वह दिनांक 2/4/ 2024 रोज शाम 7:00 बजे शिकायत करने के लिए रामनगर पुलिस स्टेशन चंद्रपुर यहां पर पहुंची तो पुलिस अधिकारी द्वारा उससे कहा गया कि “तू झूठी रिपोर्ट दे रही है, तु जान बूझकर संजय आतकुलवार कुंदनसिंग बावरे तथा प्रांजल झिलपे को फंसा रही है.पुलिस अधिकारी द्वारा पीड़िता पर भरपूर दबाव बनाने का प्रयत्न किया गया था !
कुंदनसिंग बावरे तथा प्रांजल झिलपे नामजद होने के बावजूद पुलिस उन्हें आखिर क्यों गिरफ्तार नही कर रही है ?
आखिर क्यों पीड़िता को दोबारा से जिला पुलिस अधीक्षक से शिकायत क्यों करनी पड़ी ?
बलात्कार से जुड़े प्रकरण में पुलिसकर्मी कुंदनसिंग बावरे तथा प्रांजल झिलपे को पुलिस प्रशासन बचाने की कोशिश तो नही कर रहा है ? ऐसा जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है.