शेकड़ों गरीब महिलाओं से धोखाधड़ी करने वाले “इसाफ” बैंक कर्मचारी का जमानत आवेदन खारिज
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FRAUD | लाखों की ठगी | महिलाओं से विश्वासघात
अकोला जिले के अकोट शहर में इसाफ स्मॉल फायनेंस बैंक की 435 गरीब महिला ग्राहकों के साथ लगभग 19.84 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी बैंक कर्मचारी दीपक शांताराम कांबळे का अटकपूर्व जमानत (अग्रिम जमानत) आवेदन अकोट सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी. एम. पाटील की अदालत में हुई। दीपक कांबळे (उम्र 26 वर्ष, निवासी – कळंबा महाली, जिला वाशिम) पर आरोप है कि उसने इसाफ बैंक के अन्य दो कर्मचारियों राहुल देशपांडे (अमरावती) और यश मनोहर (वाशिम) के साथ मिलकर ग्राहकों और बैंक से 19,84,891 रुपये की ठगी की।
📌 राहुल देशपांडे 82 दिनों से जेल में
इस मामले में आरोपी राहुल बाजीप्रभू देशपांडे को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और वह 15 अप्रैल 2025 से यानी पिछले 82 दिनों से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है, जबकि उसका साथी आरोपी दीपक कांबळे अब तक फरार है।
🔍 मामला दर्ज – भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं के तहत
अकोट सिटी पुलिस स्टेशन में इस गंभीर वित्तीय धोखाधड़ी को लेकर भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS 2023) की निम्नलिखित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया:
धारा 316(5) –
धारा 318(4) –
धारा 3(5) –
इन धाराओं के तहत अपराध गंभीर और गैर-जमानती श्रेणी में आता है।
क्या है पूरा मामला?
बैंक के एरिया मैनेजर मनोज खंडारे द्वारा पुलिस को दर्ज की गई शिकायत के अनुसार तीनों आरोपियों ने महिलाओं के नाम पर फर्जी तरीके से लोन स्वीकृत किए।
कुछ महिलाओं को लोन की जानकारी नहीं दी गई और उनके दस्तावेजों पर बिना अनुमति के अंगूठा/हस्ताक्षर लेकर प्रक्रिया पूरी की गई।
महिलाओं से वसूली की गई रकम बैंक में जमा नहीं की गई
बैंक के ATM कार्ड महिलाओं को नहीं दिए गए, बल्कि उनका इस्तेमाल खुद आरोपी करते रहे।
ऑडिट रिपोर्ट में 19.84 लाख रुपये के अपहार की पुष्टि हुई है।
🚔 पुलिस की जांच और आगे की कार्यवाही
आरोपी दीपक कांबळे अब भी फरार है।
पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि उसे हिरासत में लेकर ATM कार्ड के दुरुपयोग, ठगी की योजना, और अपहृत रकम की बरामदगी के लिए पूछताछ जरूरी है।
जांच अभी पूर्ण नहीं हुई है !
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में पोलीस निरीक्षक अमोल माळवे और पो.उपनिरीक्षक निलेश बारहाते द्वारा गहन जांच जारी है।
⚖️ सरकारी पक्ष की दलील
सरकारी वकील अजित देशमुख ने कोर्ट को बताया:
> “यह सुनियोजित संगठित अपराध है, जिसमें गरीब महिलाएं निशाना बनीं। आरोपी फरार है, सबूत मिटा सकता है, और रकम अब तक बरामद नहीं हुई। इसलिए अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।”
न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों के बाद आरोपी दीपक कांबळे का अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया।