कानूनवाले ही उड़ा रहे है कानून की धज्जियां !
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रामनगर पुलिस स्टेशन,चंद्रपुर की घटना
चंद्रपुर: 12 अक्टूबर 2005 भारत सरकार द्वारा माहिती अधिकार अधिनियम 2005 कायदा लागू किया गया है. शासन / प्रशासन की कार्यप्रणाली किस तरह चलती है सरकारी काम में पारदर्शिता लाने हेतु, भ्रष्टाचार को उजागर करने तथा भ्रष्ट अधिकारियों / नेताओं पर वचक लगाने का काम इस कायदे के माध्यम से किया जाता है. सही मायने में आम जनता को शासन /प्रशासन से सीधा सवाल करने का अधिकार, माहिती अधिकार अधिनियम 2005 द्वारा प्राप्त हुआ है.
परंतु कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा और कुछ भ्रष्ट नेताओं द्वारा इस अधिनियम को कमजोर बनाने की पूरी कोशिश जारी है. ऐसे ही एक घटना महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के चंद्रपुर तालुका के रामनगर पुलिस स्टेशन में सामने आई है. जहां पर जन माहिती अधिकारी द्वारा अर्जदार को 30 दिनों के भीतर अर्ज से संबंधित माहिती देना अनिवार्य था. अर्ज दाखिल करने के 10 दिनों के भीतर अर्ज से संबंधित माहिती के बारे में अर्जदार को सूचना देनी चाहिए थी.
महाराष्ट्र शासन निर्णय होने के बावजूद भी अधिकारी द्वारा माहिती अधिकार अधिनियम 2005 की धज्जियां उड़ाने का काम रामनगर पुलिस स्टेशन के जन माहिती अधिकारी कर रहे हैं
अर्जदार “हिमायूँ अली” द्वारा दिनांक 18/1/2025 को रामनगर पुलिस स्टेशन के जन माहिती अधिकारी से 2 अर्ज करके 2 विषय की माहिती मांगी गई थी. परंतु एक महीना हो गया फिर भी जन माहिती अधिकारी रामनगर पुलिस स्टेशन द्वारा किसी भी तरह की कोई माहिती अर्जदार “हिमायूँ अली” को नहीं दी गई है. अर्जदार द्वारा माहिती नहीं मिलने पर प्रथम अपील अर्ज दिनांक 21/2/2025 को दाखिल किया गया है.
जब कानून के रखवाले ही कानून की इज्जत ना करे तो जनता कहां जाए. क्या चंद्रपुर जिले के पुलिस अधिक्षक मुम्मका सुदर्शन इस और ध्यान देकर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करेंगे ?