केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं की परीक्षा प्रणाली पर करेगा पुनर्विचार
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सांसद धानोरकर के पत्र का असर
नई शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं की परीक्षा प्रणाली में बदलाव करने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने की योजना थी। हालांकि, इस निर्णय से छात्रों पर पड़ने वाले मानसिक और शारीरिक दबाव को ध्यान में रखते हुए सांसद प्रतिभा धानोरकर ने बोर्ड को पत्र लिखकर मौजूदा परीक्षा प्रणाली में बदलाव न करने की अपील की थी।
सांसद धानोरकर की इस अपील को CBSE ने गंभीरता से लिया है और उनके सुझाव पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया है। नई परीक्षा प्रणाली के तहत मार्च और मई में परीक्षाएं आयोजित की जानी थीं। खासकर महाराष्ट्र और विदर्भ जैसे राज्यों में इस समय भीषण गर्मी पड़ती है, जिससे छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, स्कूलों के लिए भी इस प्रणाली को लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता था।
इन्हीं वजहों को आधार बनाकर सांसद धानोरकर ने एक ही परीक्षा प्रणाली बनाए रखने की मांग की थी। CBSE ने उनके इस सुझाव को स्वीकार करते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। यदि यह बदलाव लागू होता है, तो हजारों छात्रों को इससे राहत मिलेगी।