राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने चंद्रपुर जिलाधिकारी को नोटिस भेजा, 07 जनवरी को सुनवाई

नई दिल्ली/चंद्रपुर: मौजा कुसुंबी के 24 मूल आदिवासियों के न्याय और हक की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है। विनोद कवडूजी खोब्रागड़े की शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने चंद्रपुर के वर्तमान जिलाधिकारी विनय गौड़ा (जी.सी.) को 7 जनवरी 2025 को शाम 5:45 बजे दिल्ली कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है।
आदिवासियों के अधिकारों की अनदेखी
पिछले कई वर्षों से कुसुंबी के आदिवासियों को उनके हक का मुआवजा दिलाने के लिए लगातार शिकायतें की जा रही थीं। 2 फरवरी 2022 को माणिकगढ़ सीमेंट कंपनी और अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने अपर जिलाधिकारी चंद्रपुर के सामने लिखित में स्वीकार किया कि आदिवासियों को मुआवजा नहीं दिया गया है, लेकिन इसे देने का आश्वासन दिया। इसके बावजूद, तत्कालीन जिलाधिकारी श्री. अजय गुल्हाने ने शासन और प्रशासन को फर्जी जानकारी दी।
कोर्ट में हाजिर होने में टालमटोल
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने 29 सितंबर 2022 को तत्कालीन जिलाधिकारी अजय गुल्हाने को कोर्ट में सबूतों के साथ पेश होने का नोटिस दिया। लेकिन वे बिना पेश हुए स्थानांतरित हो गए। इसके बाद 16 फरवरी 2023 को वर्तमान जिलाधिकारी श्री. विनय गौड़ा (जी.सी.) को भी नोटिस जारी की गई। जब उन्होंने जवाब नहीं दिया, तो उनके खिलाफ 21 फरवरी 2023 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।
फर्जी रिपोर्ट का मामला
राष्ट्रीय आयोग ने नौ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी, लेकिन जिलाधिकारी ने फर्जी और भ्रामक जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बताया कि आदिवासियों को 1985 में मुआवजा दिया गया था, जबकि सीमेंट कंपनियों ने लिखित रूप में स्पष्ट किया था कि मुआवजा कभी नहीं दिया गया।
जनता की नजरें सुनवाई पर टिकीं
इस मामले में 7 जनवरी 2025 को दिल्ली में होने वाली सुनवाई पर पूरे चंद्रपुर जिले और देशभर के नागरिकों की निगाहें टिकी हुई हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वर्तमान जिलाधिकारी राष्ट्रीय आयोग के समक्ष क्या जवाब देते हैं।